सभी को तलाश है
एक पारस पत्थर की
जो पल में ही
सब कुछ सोना कर दे
छूते ही-
पता ही न चला
यह कब तय हुआ
के स्वर्ण श्रेष्ठ है,
और मिट्टी
कुछ नहीं -
इस बात की कोई
कहानी नहीं सुनी मैंने
एक दिन सपने में यह जरूर देखा था
कि जिस पहले आदमी ने
पाया था पारस,
उसने उसे खा लिया था
हाँ ,वह सोना नहीं हुआ,
उस समय सोने से बड़ी कोई चीज
होती थी शायद-
वह पत्थर अभी भी
अन्दर ही रहता है,
फ़िर भी, सबको अभी भी
तलाश है
पारस पत्थर की ।